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ट्राई : 29 दिसंबर के बाद नए नियम की वजह से टीवी पर सेवा बाधित नहीं होगी


भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को 29 दिसंबर के बाद लागू होने वाले नए नियमों को लेकर स्पष्ट किया है कि इसकी वजह से टीवी सेवा बाधित नहीं होगी। यानी टेलीविजन पर मौजूदा सब्सक्राइब्ड चैनल ब्लैक आउट नहीं होंगे। 
                                        










यह स्पष्टीकरण ट्राइ ने इसलिए दिया है क्योंकि सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि 29 दिसंबर के बाद टेलीविजन पर ब्लैकआउट हो सकता है। ट्राइ का कहना है कि रेग्युलेटर फ्रेमवर्क के लागू होने के बाद टीवी सेवा में कोई परेशानी नहीं आएगी। बता दें ट्राइ ने लोकल केबल ऑपरेटर्स और मल्टी सर्विस ऑपरेटर्स को 29 दिसंबर से नया टैरिफ सिस्टम लागू करने का आदेश दिया है।



नए नियमों के तहत आप अपनी पसंद के चैनल चुन सकेंगे और आपको केवल उन्हीं चैनलों के लिए भुगतान करना होगा। इससे नए साल में आपके टीवी देखने का खर्च बढ़ सकता है। देश के सबसे बड़े टीवी ब्रॉडकास्टर जी और केबल कंपनी हैथवे ने तो अपनी प्राइस लिस्ट की घोषणा भी कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड के जरिए हर चैनल पर उसकी कीमत लिखी होगी। आप अपनी पसंद से उसे चुन सकेंगे।

ट्राई के नए टैरिफः जल्द मिल सकेगा केबल टीवी के जरिए इंटरनेट

केंद्र सरकार ने केबल टीवी के जरिए घरों और कार्यालयों तक इंटरनेट मुहैया कराने की तैयारियां शुरू कर दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के सचिव अमित खरे के मुताबिक केबल टीवी के जरिए इंटरनेट (ब्रॉडबैंड) पहुंचाने से जुड़े सभी मुद्दों को सुलझाने की दिशा में मंत्रालय काम कर रहा है। 
इस व्यवस्था को लागू करने के मद्देनजर केबल ऑपरेटर्स, ट्राई और दूरसंचार विभाग से चर्चा के बाद सिफारिशें मांगी गई हैं। अगले दो महीने में इसके लिए दिशा-निर्देश जारी होंगे। उन्होंने बताया कि केबल टीवी के जरिए इंटरनेट घरों, कार्यालयों समेत अन्य स्थानों में पहुंचाने की योजना में एक साल में एक करोड़ लोगों तक यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी। 

इससे इंटरनेट का देश में विस्तार होगा। देश में करीब 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को केबल टीवी के जरिए विभिन्न चैनल प्रसारित किए जाते हैं, जिसके जरिए इंटरनेट पहुंचाना आसान होगा। 

महज सात फीसदी लोग करते हैं ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल

दूरसंचार मंत्रालय के पास इस सुविधा को मुहैया कराने में लाइसेंस फीस और एजीआर (एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू) से जुड़े मुद्दे सुलझाने का जिम्मा रहेगा, जबकि ढांचागत व्यवस्थाओं के लिए ऑपरेटर्स को इसमें निवेश करना होगा। इसके लागू होने पर धीमे और महंगे वायरलेस डाटा का चलन घटेगा। 

ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि वायरलेस यानी वाई-फाई इंटरनेट सेवा की अपनी सीमाएं हैं। देश में 93 फीसदी लोग उसी का प्रयोग करते हैं और डाटा स्पीड में कमी समेत अन्य शिकायतें करते हैं। भारत में महज सात फीसदी लोग ब्रॉडबैंड का उपयोग करते हैं। इसके उलट दुनियाभर में औसतन 46 फीसदी फिक्स लाइन इंटरनेट यानी ब्रॉडबैंड और 54 फीसदी लोग वायरलेस का प्रयोग करते है।
                                         

बेहतर सेवाओं के साथ कई अप्रत्यक्ष फायदे

उन्होंने कहा कि यह कदम आम जन तक बिना किसी अतिरिक्त खर्च के ब्रॉडबैंड के माध्यम से तेज गति का इंटरनेट पहुंचाने के लिए है। इससे फिक्स लाइन इंटरनेट का विस्तार होगा और लोगों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। 

इसके अप्रत्यक्ष फायदे भी हैं, जैसे क्षेत्रीय केबल ऑपरेटर की आय भी बढ़ेगी, तकनीकी क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा और अच्छी डाटा स्पीड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दूरसंचार विभाग का दावा है कि ट्राई के नए टैरिफ से उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी, यह कई चरणों में लागू होंगे। ट्राई नए साल से केबल व डीटीएच के नए टैरिफ लागू कर रहा हैं।

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