भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में मार्च 2016 से 2018 तक 65 फीसदी का इजाफा हुआ है। मोदी सरकार ने इंटरनेट उपभोक्ता बढ़ाने के लिए तीन साल पहले लक्ष्य निर्धारण किया था, अब यह बढ़कर 50 करोड़ को पार कर चुका है।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मुताबिक सितंबर 2018 के अंत तक नैरोबैंड और ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या 56 करोड़ को पार कर गई। इसी तरह मार्च 2016 तक इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या जो 34 करोड़ थी वो 31 मार्च 2017 तक 42 करोड़ हो गई। 31 मार्च 2018 को इंटरनेट का उपभोग करने वालों की संख्या 49 करोड़ थी। इसी साल जून के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 51 करोड़ और फिर सितंबर के अंत तक 56 करोड़ हो गया।
दिसंबर 2015 में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि हमारा लक्ष्य भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या को 2018 तक 50 करोड़ के पार ले जाना है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दो-तीन सालों में भारत आईटी के मामले में चीन के बराबर खड़ा होगा।
56 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं में से तकरीबन 64% यानी 36 करोड़ शहरी जबकि 36% यानी 19.4 करोड़ ग्रामीण उपभोक्ता है। जानकार मानते है कि जहां एक ओर सर्विस प्रोवाइडर इस मामले ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा ध्यान दे रहे है वहीं इस मामले में सरकार के प्रयास भी सराहना योग्य है। इसके अलावा शहरी इलाकों में रिलायंस जियो की एंट्री भी उपभोक्ता की बढ़ी संख्या का कारण मानी जा रही है।
केंद्र के राष्ट्रीय सूचना इंफ्रास्ट्रक्टर- द्वितीय का हिस्सा रह चुके अंतराष्ट्रीय सूचना और प्राद्यौगिकी संस्थान- बंगलुरु (आईआईटीबी) के प्रोफेसर देवब्रत दास की मानें तो भारत संचार निगम लिमिटेड और केंद्र के भारत नेट योजना के तहत ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने की परियोजना ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है।
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश (तेलंगाना सहित), महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु इन पांच राज्यों से कुल इंटरनेट उपभोक्ताओं में से 20 करोड़ यानी 36 फीसदी उपभोक्ता आते हैं।
दिसंबर 2015 में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि हमारा लक्ष्य भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या को 2018 तक 50 करोड़ के पार ले जाना है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दो-तीन सालों में भारत आईटी के मामले में चीन के बराबर खड़ा होगा।
56 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं में से तकरीबन 64% यानी 36 करोड़ शहरी जबकि 36% यानी 19.4 करोड़ ग्रामीण उपभोक्ता है। जानकार मानते है कि जहां एक ओर सर्विस प्रोवाइडर इस मामले ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा ध्यान दे रहे है वहीं इस मामले में सरकार के प्रयास भी सराहना योग्य है। इसके अलावा शहरी इलाकों में रिलायंस जियो की एंट्री भी उपभोक्ता की बढ़ी संख्या का कारण मानी जा रही है।
केंद्र के राष्ट्रीय सूचना इंफ्रास्ट्रक्टर- द्वितीय का हिस्सा रह चुके अंतराष्ट्रीय सूचना और प्राद्यौगिकी संस्थान- बंगलुरु (आईआईटीबी) के प्रोफेसर देवब्रत दास की मानें तो भारत संचार निगम लिमिटेड और केंद्र के भारत नेट योजना के तहत ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने की परियोजना ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है।
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश (तेलंगाना सहित), महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु इन पांच राज्यों से कुल इंटरनेट उपभोक्ताओं में से 20 करोड़ यानी 36 फीसदी उपभोक्ता आते हैं।