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लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा, कांग्रेस-भाजपा के बीच तीखी तकरार


स्मृति ईरानी: कानून मंत्री जी आपने इंसाफ के मकसद से इस कानून की शुरुआत की है। अगर वोट बैंक की सोची होती को मुस्लिम औरत की आह यहां तक नहीं पहुंचती, आज आवाज सभी तक पहुंचे। इंसाफ को देर हुई है, अब वक्त खत्म हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ किया अब आप इंसाफ करो। मैं इसे कानून के तौर पर स्थापित करने का समर्थन करती हूं। लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह इस्लाम धर्म से संबंधित मामला नहीं, यह एक सामाजिक कुरीति है। इसी तरह से सती प्रथा और बाल विवाह को भी खत्म किया गया था। इस्लामिक देशों ने दशकों पहले तीन तलाक की कुरीति को खत्म कर दिया है।
मीनाक्षी लेखी, भाजपा सांसद: समानता के अधिकार के तहत तीन तलाक को खत्म की जरूरत। मुझे गर्व है कि पीएम मोदी और हमारी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं।सीआरपीसी 125 के तहत महिलाएं गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी हैं। तीन तलाक का विरोध करने वालों से पूछना चाहती हूं कि कुरान के किस सूरा में तलाक ए बिद्दत का जिक्र है। ये महिला बनाम पुरुष का नहीं बल्कि मानव अधिकार का मसला है। कांग्रेस तलाक के अधिकार की बात करती है और हम शादी के अधिकार की बात करते हैं। हिंदू विवाह कानून, पारसी विवाह कानून और मुस्लिम विवाह कानून के बीच तुलना करना गलत है। अगर इस पर चर्चा करनी है तो समान नागरिक संहिता पर हम सब एक साथ बैठें। निकाह पूरे समाज के सामने होता है, लेकिन एक वाट्सएप, एक एसएमएस, एक कॉल और शादी खत्म, ये कैसा कानून है। गुमराह करने वाले रवैये की वजह से अध्यादेश लाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक के 430 मामले सामने आए हैं। एआईएमपीएलबी का काम था महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना लेकिन यही अड़ंगा डाल रहा है। इस कानून में मुस्लिम महिलाओं के अधिकार की रक्षा, बचाव और सुधार के प्रावधान हैं। मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से कांग्रेस इतिहास बनाने से चूकी जो हम बनाने जा रहे हैं। तीन तलाक खत्म करके। भगवान अयप्पा का स्वरूप एक ब्रह्मचारी का है। इसीलिए सबरीमाला मंदिर में महिलाएं खुद नहीं जाना चाहती हैं। शशि थरूर जी का बयान इस मामले को समझने के लिए काफी है।

कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव रख रही हैं कांग्रेस का पक्ष। शायरा बानो केस का किया जिक्र। कहा- महिला का सवाल है तो हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन मुंह में राम बगल में छुरी वाली बात हमें मंजूर नहीं। हमारी मांग है कि इस बिल को ज्वाइंट सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'संसद तीन तलाक पीड़ितों की आवाज सुने। राजनीतिक कारणों से बिल को रोकना गलत है। 20 इस्लामिक देशों में इसपर प्रतिबंध लगाया हुआ है तो भारत जैसा धर्मनिरपेक्ष देश क्यों नहीं कर सकता? मैं अनुरोध करता हूं कि इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। 1956 में पाकिस्तान ने भी इसपर प्रतिबंध लगा दिया था।' 
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा, 'यह विधेयक किसी समुदाय, धर्म और आस्था के खिलाफ नहीं है। यह विधेयक महिलाओं के अधिकार और न्याय का है।'तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, 'हम भी तीन तलाक विधेयक को ज्वाइंट सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग करते हैं। पूरे विपक्ष की एक राय है।' वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि इस विधेयक पर आज ही चर्चा होनी चाहिए।
तीन तलाक पर लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'यह बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। यह संवैधानिक मामला भी है। मैं अनुरोध करता हूं कि इस विधेयक को संयुक्त चयन समिति के पास भेजा जाए।'रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन तलाक विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग कर सकती है कांग्रेस। सोनिया गांधी ने खड़गे और ज्योतिरादित्य से बात की है।

 
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