[ URDU SHAYARI ] मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी - मिर्ज़ा ग़ालिब की लाजवाब शायरी l MIRZA GHALIB SHAYARI 2019
MIRZA GHALIB SHAYARI – URDU SHAYARI |
MIRZA GHALIB SHAYARI – URDU SHAYARI – Koi Din Gar Zindagani Aur Hai
कोई दिन गर ज़िंदगानी और है
कोई दिन गर ज़िंदगानी और है
अपने जी में हमने ठानी और है
आतिश -ऐ -दोज़ख में ये गर्मी कहाँ
सोज़-ऐ -गम है निहानी और है
बारह देखीं हैं उन की रंजिशें ,
पर कुछ अब के सरगिरानी और है
देके खत मुँह देखता है नामाबर ,
कुछ तो पैगाम -ऐ -ज़बानी और है
हो चुकीं ‘ग़ालिब’ बलायें सब तमाम ,
एक मर्ग -ऐ -नागहानी और है .
MIRZA GHALIB SHAYARI – URDU SHAYARI – Koi Din Gar Zindagani Aur Hai