प्रयागराज कुंभ 2019: किन्नर अखाड़ा मेले में इस तरह देगा दस्तक, आर्ट विलेज बना बतायेगा अपना इतिहास
प्रयागराज में लगने जा रहे कुंभ में पहली बार शामिल होने जा रहा किन्नर अखाड़ा अपना शिविर लगाएगा। जिसमें न सिर्फ देश से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में किन्नर जुटेंगे। आस्था के इस महामेले में तमाम अखाड़ों की पेशवाई की तरह किन्नर अखाड़ा अपनी देवत्व यात्रा भी निकालेगा। गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में सिंहस्थ कुंभ के दौरान पहली बार किन्नर अखाड़े ने इस मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। अब अगले साल 2019 में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में किन्नर किन्नर अखाड़ा एक अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रयागराज कुंभ में यह अखाड़ा अपने परिसर में किन्नर आर्ट विलेज स्थापित करने जा रहा है, जहां लोग किन्नरों की दुनिया के हर पहलू से वाकिफ हो सकेंगे।
मेले में बसेगा किन्नरों का गांव
किन्नर आर्ट विलेज के क्यूरेटर पुनीत रेड्डी के अनुसार, “किन्नर कला के क्षेत्र में अपनी रुचि को दुनिया के सामने लाने के इरादे से किन्नर आर्ट विलेज का आयोजन करने जा रहे हैं। इसमें राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय किन्नर कलाकार भाग लेंगे। इनमें फोटोग्राफर, पेंटर, वास्तुकला से जुड़े किन्नर, हस्तशिल्प कारीगर आदि शामिल हैं।”
दुनिया देखेगी किन्नरों की कला
किन्नर आर्ट विलेज में चित्र प्रदर्शनी, कविता, कला प्रदर्शनी, दृश्य कला, फिल्में, इतिहास, फोटोग्राफी, साहित्य, स्थापत्य कला, नृत्य एवं संगीत आदि का आयोजन किया जाएगा। इसमें आध्यात्मिक ज्ञान और कला के क्षेत्र का भी ज्ञान मिलेगा। इतिहास में रामायण, महाभारत आदि में किन्नरों के महत्व के बारे में भी लोग जान सकेंगे। कुल मिलाकर यह आर्ट विलेज अपने आपमें किन्नरों की दुनिया का एक झरोखा होगा और इसके माध्यम से दुनिया को पता चलेगा कि कला के क्षेत्र में किन्नर क्या योगदान दे रहे हैं। आर्ट विलेज में भाग लेने के लिए विभिन्न कंपनियों ने रूचि दिखाई है। फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया के विभिन्न साधनों के जरिए इसका प्रचार हो रहा है।
पढ़ने को मिलेगी किन्नर पुराण
किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी महाराज का कहना है कि, “किन्नर अखाड़ा मेले में किन्नर महापुराण का भी लोकार्पण होगा। त्रिपाठी के अनुसार “किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई, किन्नर कब से हैं, ऐसी कितनी ही बातें हैं जो मुख्यधारा के समाज को नहीं पता। लोगों को यह भी नहीं पता कि सनातन धर्म में किन्नरों का क्या वजूद था और इनका कितना महत्व था। उन्हें इस बारे में अवगत कराना हमारी ही जिम्मेदारी है। इसे लेकर बहुत सारे साहित्यकार और धर्म के ज्ञाताओं के साथ किन्नर अखाड़े की बातचीत जारी है।
प्रयागराज कुंभ में किन्नर अखाड़े ने 6 जनवरी को देवत्व यात्रा (पेशवाई) निकालने की योजना बनाई है। चूंकि किन्नर अखाड़े का, प्रयाग का यह पहला कुंभ है, इसलिए देवत्व यात्रा कहीं अधिक भव्य होगी। इसके अलावा, यह किन्नर अखाड़े का दूसरा कुंभ है, जिसमें देवत्व यात्रा निकाली जाएगी। इससे पहले 2016 के #उज्जैन कुंभ मेले में #किन्नर #अखाड़ेने अपनी पहली देवत्व यात्रा निकाली थी।