मुझे चिकन बिरयानी सोचकर ही
खा जाइएगा क्या
खा जाइएगा क्या
माना मेरा जिस्म नर्म_नाजुक_गोरा और मखमली है
तो #गिद्द_सी_निगाहो से
खरोंचकर ही खा जाइएगा क्या
तन से थोड़ा आगे बढ़िये
मै रूह भी हूँ
मै मन भी हूँ
खुली हुई पलको मे
दबोचकर ही #खा_जाइएगा_क्या
जिस्म से ज्यादा मैं मन से प्यार करता हूं
मगर मेरी किस्मत में नहीं थी वो जिसे मैं आज भी दिलोजान से प्यार करता हूं
दूर खड़ी आज भी जब वो मेरे सामने से निकलती है
तो मैं आज भी उसकी आहट से प्यार करता हूं
लोग तो हैवानियत की मिसाल बन चुके है मगर मैं आज भी केवल उसकी रुह से प्यार करता हूं